गांवों के लिए पहली बार बनी पंचवर्षीय योजना

गांवों के लिए पहली बार बनी पंचवर्षीय योजना

पहली बार ग्राम पंचायतों में पंचवर्षीय योजना बनायी जा रही है। यह विकास को आवंटित राशि में होने वाले घपले के मद्देनजर किया गया है। लेकिन घपलेबाज इसमें भी कोई रास्ता निकालने की सोच रहे होंगे। 

एक मास्टर एक्शन प्लान तैयार किया जायेगा जिससे योजना का सारा डाटा एक साफ्टवेयर के माध्यम से अपलोड किया जायेगा। इससे गांवों की सभी जानकारी और योजनायें शासन की पहुंच में रहेंगी। वे इसकी मॉनिटरिंग भी करते रहेंगे। गड़बड़ी होने पर तुरंत एक्शन लेने की बात कही जा रही है। 

पंचवर्षीय योजना के तहत पचास हजार से ज्यादा ग्राम प्रधान खर्च कर नहीं कर सकता। उससे अधिक पर उसे अधिकारियों की मंजूरी लेनी होगी। यदि वह पांच लाख से अधिक पैसा विकास में खर्च करता है तो उससे पूर्व उसे जिलाधिकारी से स्वीकृति लेनी होगी।

विकास कार्यों पर नजर रखने के लिए तकनीकि अधिकारी भी ब्लॉक स्तर पर तैनात किया जायेगा। उन्हें प्रशिक्षण दिया जायेगा ताकि वे अपने कार्य को अच्छी तरह से कर सकें। 

न्याय पंचायत वार चार्ज अधिकारी नियुक्त होंगे। जो कार्य योजना तैयार होगी उसे ये अधिकारी गांव में खुली बैठक में पढ़कर सुनायेंगे। इससे ग्रामीण स्तर पर लोगों को पता चल सकेगा कि विकास कार्य किस तरह हो रहे हैं और किस तरह से गांव के विकास के लिए योजना कार्य कर रही है। 

Comments

Popular posts from this blog

शोध प्रारूप का अर्थ, प्रकार एवं महत्व

अभिप्रेरणा अर्थ, महत्व और प्रकार

वित्तीय प्रबंध की प्रकृति, क्षेत्र तथा उद्देश्य