Posts

Showing posts from November, 2019

अस्पृश्यता निवारण और गांधी

अस्पृश्यता निवारण और गांधी अस्पृश्यता  का शाब्दिक अर्थ है -  न छूना । इसे सामान्य भाषा में 'छूआ-छूत' की समस्या भी कहते हैं। अस्पृश्यता का अर्थ है किसी व्यक्ति या समूह के सभी लोगों के शरीर को सीधे छूने से बचना या रोकना। ये मान्यता है कि अस्पृश्य या अछूत लोगों से छूने, यहाँ तक कि उनकी परछाई भी पड़ने से उच्च जाति के लोग 'अशुद्ध' हो जाते है और अपनी शुद्धता वापस पाने के लिये उन्हें पवित्र गंगा-जल में स्नान करना पड़ता है।  वैदिक काल ता का कोई उल्लेख नहीं पाया जाता। परंतु वर्णव्यवस्था के विकृत हो जाने और जाति पाँति की भेद भावना बढ़ जाने के कारण अस्पृश्यता को जन्म मिला। इसके ऐतिहासिक, राजनीतिक आदि और भी कई कारण बतलाए जाते हैं। किंतु साथ ही साथ, इसे एक सामाजिक बुराई भी बतलाया गया। "वज्रसूचिक" उपनिषद् में तथा महाभारत के कुछ स्थलों में जातिभेद पर आधारित ऊँचनीचपन की निंदा की गई है। कई ऋषि मुनियों ने, बुद्ध एवं महावीर ने कितने ही साधु संतों ने तथा राजा राममोहन राय, दयाानन्द जी ने इस सामाजिक बुराई की ओर हिंदू समाज का ध्यान खीचा। समय समय पर इसे मिटाने के जहाँ तहाँ छिट पुट प्

कौमी एकता और गांधी

कौमी एकता और गांधी कौमी या सांप्रदायिक एकता की जरूरत को सब कोई मंजूर करते हैं। लेकिन सब लोगों को अभी यह बात जँची नहीं कि एकता का मतलब सिर्फ राजनीति एकता नहीं है। राजनीतिक एकता तो जोर-जबरदस्‍ती से भी लादी जा सकती है। मगर एकता के सच्‍चे मानी तो हैं वह दिल्‍ली दोस्‍ती, जो किसी के तोड़े न टूटे। इस तरह की एकता पैदा करने के लिए सबसे पहली जरूरत इस बात की है कि कांग्रेसजन, फिर वे किसी भी धर्म के मानने वालें हो, अपने को हिंदू, मुसलमान, ईसाई, पारसी यहूदी वगैरा सभी कौमों के नुमाइंदा समझें। हिंदुस्‍तान के करोड़ों बाशिंदों में से हर एक के साथ वे अपने पन का-आत्‍मीयता का-अनुभव करें; यानी वे उनके सुख-दु:ख में अपने को उनका साथी समझें। इस तरह की आत्‍मीयता सिद्ध करने के लिए हर एक कांग्रेसी को चाहिए कि वह अपने धर्म से भिन्‍न धर्म का पालन करने वालें लोगों के साथ निजी दोस्‍ती कामय करे, और अपने धर्म के लिए उसके मन में जैसा प्रेम हो, ठीक वैसा ही प्रेम वह दूसरे धर्म से भी करें। हिंदू, मुसलमान, ईसाई, सिक्‍ख, पारसी आदि को अपने मतभेद हिंसा का आश्रय लेकर और लड़ाई-झगड़ा करके नहीं निपटाने चाहिए। ...हिंदू और मुसलमान