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Showing posts from September, 2018

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का इतिहास

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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का इतिहास   चूंकि हमारे देश को उपनिवेशवाद के बंधनों से मुक्त कर दिया गया था, समावेशी, समग्र विकास का अवसर सामने आया। सदियों से विदेशी वर्चस्व और अधीनता के कारण देश की संभावित उत्कृष्टता पर उदासीनता का एक झुकाव गिर गया था। यह इस समय है कि हमारे देश में एबीवीपी जैसे छात्र संगठन की स्थापना हुई, जो कि दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यता की महान संस्कृति और परंपराओं से प्रेरित है, भारत को एक शक्तिशाली, समृद्ध और गर्व राष्ट्र के रूप में पुनर्निर्माण करना चाहता था, यह राष्ट्रों की वैश्विक कम्युनिटी के ऊपरी इलाकों में रखने की भव्य धारणा थी। राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के उद्देश्य से एबीवीपी ने राष्ट्रव्यापी छात्र संगठन के रूप में अपनी बहु-आयामी और विविध गतिविधियों को शुरू किया, जो सामाजिक स्पेक्ट्रम के हर पहलू को छू रहा था। इस छात्र संगठन, जो पूरे शैक्षिक बंधुआ की गुप्त शक्ति में अत्यधिक विश्वास रखता है, छात्रों की रचनात्मक गतिविधियों की दिशा में समकालीन जिम्मेदारियों को समन्वय और निर्देशित करने, पक्षपातपूर्ण राजनीति से ऊपर रहने और प्रगतिशील लेंस के साथ हर मुद्दे

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद

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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद  (ABVP या विद्यार्थी परिषद) विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन हैं। इसकी स्थापना छात्र हित और छात्रों को उचित दिशा देने के लिए की गयी है. घोष वाक्य   : ज्ञान, शील और एकता उद्देश्य :  अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद की स्थापना का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है। विद्यार्थी परिषद के अनुसार, छात्रशक्ति ही राष्ट्रशक्ति होती है। राष्ट्रीय पुनर्निर्माण के लिए छात्रों में राष्ट्रवादी चिंतन को जगाना ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का मूल उद्देश्य है। देश की युवा छात्र शक्ति का यह प्रतिनिधि संगठन है। इसकी मूल अवधारणा राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है। अ भा वि प का नारा है  : छात्र शक्ति- राष्ट्रशक्ति। वैसे एवीवीपी का आधिकारिक स्लोगन – ज्ञान, शील, एकता – परिषद् की विशेषता है। संगठन  : राष्ट्रवादी छात्रों के इस संगठन की हर वर्ष देशव्यापी सदस्यता होती है। देश के सभी विश्वविद्यालयों और अधिकांश कॉलेजों में परिषद की इकाईयां हैं। अधिकांश छात्रसंघों पर परिषद का ही अधिकार है। संगठन का मानना है कि आज का छात्र कल का नागरिक है। हर वर्ष होने वाले प्रांतीय और राष्ट्रीय अधिवेशनों के द

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् - एक परिचय

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् - एक परिचय September 25, 2018 अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् - एक परिचय अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् देश की युवा छात्र शक्ति का प्रतिनिधि संगठन है। स्वतंत्रता के तुरंत बाद जब राष्ट्र के पुनर्निर्माण की आवश्यकता थी, ऊर्जा सम्पन्न युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् की स्थापना की गयी। विद्यार्थी परिषद् के अनुसार, छात्रशक्ति ही राष्ट्रशक्ति होती है। इसकी स्थापना ९ जुलाई, १९४९ को की गयी। विद्यार्थी परिषद् का मूल उद्देश्य राष्ट्रीय पुनर्निर्माण है। आज विद्यार्थी परिषद् न केवल भारत का बल्कि विश्व का सबसे बड़ा छात्र-संगठन है। अभाविप ने न केवल युगीन परिस्थितियों के अनुसार अपने को ढाला है बल्कि नवीन परिवर्तनों को दिशा भी दी है। आज विद्यार्थी परिषद् की अपनी अलग पहचान और अलग स्थान है । महत्त्वपूर्ण गतिविधियाँ स्थापना काल से ही संगठन ने छात्र हित और राष्ट्र हित से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देशव्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है। इतिहास गवाह है कि इस छात्र संघटन ने कभी भी परिस्थितियों से समझौता नहीं किया । हमेशा छात्र

शिक्षक दिवस पर भाषण

शिक्षक दिवस पर भाषण शिक्षक दिवस पर भाषण 1 आदरणीय अध्यापकों और मेरे प्यारे मित्रों को सुप्रभात। जैसा कि हम सभी यहाँ एकत्र होने का कारण जानते हैं। हम आज यहाँ शिक्षक दिवस मनाने के लिए और हमारे व राष्ट्र के भविष्य के निर्माण के लिए शिक्षकों के कठिन प्रयासों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। आज 5 सितम्बर है, और यह दिन हर साल हम बड़े उत्साह, खुशी और उल्लास के साथ शिक्षक दिवस के रुप में मनाते हैं। सबसे पहले, मैं अपने कक्षा अध्यापक को इस महान अवसर पर, मुझे भाषण देने का अवसर प्रदान करने के लिए धन्यवाद कहता/कहती हूँ। मेरे प्यारे मित्रों, शिक्षक दिवस के इस अवसर पर, मैं शिक्षकों के महत्व पर हिन्दी में अपने विचार भाषण के माध्यम से रखना चाहता/चाहती हूँ। हर साल 5 सितम्बर, पूरे भारत में शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है। वास्तव में, 5 सितम्बर, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्मदिवस है, जो महान विद्वान और शिक्षक थे। अपने बाद के जीवन में वह गणतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति बने। पूरे देश के विद्यार्थी इस दिन को शिक्षकों को सम्मानित करने के लिए मनाते हैं। यह सही