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Showing posts from April, 2020

गैर सरकारी संगठन - Non Government Organization - अध्याय - 9 - संचालन समिति

गैर सरकारी संगठन -  Non Government Organization - अध्याय -9 संचालन समिति गैर-सरकारी संगठन (एन.जी.ओ.) का प्रबंधन, कार्यपालन तथा संचालन का कार्य संचालन समिति करती है जबकि कम्पनी में संचालन का कार्य बोर्ड ऑफ डायरेक्टर करते हैं तथा ट्रस्ट के क्षेत्र में ट्रस्टियों की समिति द्वारा कार्य संचालन किया जाता है। संचालन समिति को संगठन के उद्देश्यों को ढांचें के भीतर काम करना होता है और साथ ही कानून के अंतर्गत लागू बैधानिक जिम्मेदारियों को भी पूरी तरह निभाना होता है। संचालन समिति के सदस्यों की नियुक्ति ट्रस्ट के संस्थापक द्वारा ट्रस्टियों की नियुक्ति की जाती है या ट्रस्ट डीड में ट्रस्टियों की नियुक्ति के संबंध में एक प्रक्रिया बता दी जाती है। सोसाइटी के मामले में इसके प्रथम सदस्य इसकी संचालन समिति के भी सदस्य माने जाते हैं। बाद में संचालन समिति के सदस्य सोसाइटी के आर्टिकल्स/बाई लाज के मुताबिक सोसाइटी के सदस्यों में से भी चुने जाते हैं। परन्तु, कभी-कभी सरकार सार्वजनिक हित में संचालन समिति में अपना एक प्रतिनिधि भी नियुक्त कर सकती है। संचालन समिति के सदस्यों को चुनने का कार्य अध्यक्ष द्वारा किया जाता

गैर सरकारी संगठन - Non Government Organization - अध्याय - 8 - एन.जी.ओ. का प्रस्ताव

गैर सरकारी संगठन -  Non Government Organization - अध्याय -8 एन.जी.ओ. का प्रस्ताव संगठन की संचालन समिति अपनी बैठकों में और आम बैठकों में प्रस्ताव पारित कराके निर्णय लेती है। संचालन समिति अपनी बैठक में या आम सभा की बैठक के समक्ष एक प्रस्ताव प्रस्तुत करती है जिसे मोशन कहते हैं। यदि कोई प्रस्ताव बहुमत से पारित हो जाता है तो इसे प्रस्ताव के रूप में अपना लिया जाता है। अगर कोई प्रस्ताव अस्वीकृत कर दिया जाता है तो उसे त्याग दिया जाता है । मतदान एक प्रस्ताव मोशन पर सभा में बातचीत या विचार-विमर्श किया जाता है और इस विषय पर वोट या मत प्रदान करने हेतु कहा जाता है। यह मत दो प्राकर से दिया जाता जा सकता है। पहला मत हाथ उठाकर और दूसरा मत पोलिंग द्वारा। यदि इसको अपेक्षित बहुमत या समर्थन प्राप्त हो जाता है तो इसे एक प्रस्ताव के रूप में स्वीकार कर लिया जाता है। कास्टिंग वोट यदि दोनों पक्ष (पक्ष-विपक्ष) के मत सम हों तो अध्यक्ष एक दूसरा मत (कास्टिंग वोट) दे सकता है बशर्ते कि आर्टिकल्स/नियम और विनियमों में इस प्रकार की व्यवस्था हो। प्रस्ताव की रूपरेखा बनाना किसी प्रस्ताव की रूपरेखा बनाते वक्त विभिन्न बातों

गैर सरकारी संगठन - Non Government Organization - अध्याय - 7- रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया

गैर सरकारी संगठन -  Non Government Organization - अध्याय - 7 रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया रजिस्ट्रेश की प्रक्रिया के विषय में 01.06.2007 के अन्तर्गत इसका उल्लेख किया गया है। इस अवधि तक कोई ट्रस्ट/संस्थान रजिस्ट्रेशन के लिए किसी भी समय आवेदन फाइल कर सकता है । हालांकि छूट का लाभ उसी वर्ष से लिया जा सकता है जिस वर्ष में रजिस्ट्रेशन प्राप्त कर लिया गया हो। रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन फार्म नं. 10A' (डुपलीकेट में) कमिश्नर के कार्यालय में दे दी जानी चाहिए। उसके साथ संलग्न होने वाले प्रमुख दस्तावेज निम्नलिखित हैं- 1. ट्रस्ट या संस्थान की स्थापना के दस्तावेज की मूल या प्रमाणीकृत प्रतिलिपि और एक अतिरिक्त प्रतिलिपि, या 2. सोसाइटी के मेमोरेंडम आफ एसोसिएशन और बाईलाज : 3. अगर ट्रस्ट या संस्थान आवेदन से पहले कुछ पूर्व वर्षां के लिए वजूद में रहा हो, यथानुरूप एक, दो या तीन वर्षों के खातों की दो प्रतिलिपि, जो भी उपलब्ध हों। ट्रस्ट या संस्थान प्रमाणित है कि नहीं इसकी पूछताछ तथा दस्तावेजों के विषय में जानकारी कमिश्नर करेगा। ट्रस्ट या संस्थान के धर्मार्थ या धार्मिक प्रकार के उद्देश्यों के संबंध में और ट्रस्ट

गैर सरकारी संगठन - Non Government Organization - अध्याय - 6 - खातों के रख-रखाव और ऑडिट

गैर सरकारी संगठन -  Non Government Organization - अध्याय - 6 - खा तों के रख-रखाव और ऑडिट खातों के रख-रखाव के लिए ट्रस्ट को उचित पुस्तकें रखना होगा और उनके समर्थन में रसीदें और वाउचर भी रखे। आय-कर कानून के तहत एकाउंट्स नकद या मार्केटाइल आधार पर रखे जा सकते हैं फिर भी ट्रस्ट को अपने खाते कैश आधार पर रखने चाहिये। ट्रस्ट को एक आय और व्यय का खाता तैयार करना चाहिए। ट्रस्ट द्वारा प्राप्त किया गया कोई भी स्वैच्छिक अंशदान (ट्रस्ट के कार्पस के लिए प्राप्त अंशदान को छोड़कर) उस ट्रस्ट द्वारा धारण की गई सम्पत्ति को आय के रूप में स्वीकार किया जायेगा। यदि अंशदान एक विशिष्ट निर्देश के साथ दिए जाते हैं कि वे कार्पस का भाग होंगे, तो जारी की गई रसीद पर यह उद्धृत कर देना चाहिए, क्योंकि ये धारा 11(1)(d) पूर्णरूपेण कर मुक्त होंगे। किसी ट्रस्ट या संस्थान की एक वर्ष की कुल आय छूट मूल सीमा अर्थात् 1,60,000 रुपये से अधिक होती है तो उसके खाते हालांकि कुछ अर्हता प्राप्त चार्टर्ड एकाउंटेंट से ऑडिट करा लेने चाहिए और फार्म नं 10B2 में ऑडिट रिपोर्ट प्राप्त कर लेनी चाहिए। ऑडिट रिपोर्ट को आय की रिटर्न के साथ फाइल कर दी