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Showing posts from May, 2018

Interview Questions About Ancient Skills Knowledge By Basant Ji (Artisan Ministry) ( प्राचीन कौशल ज्ञान ) बसंत जी से किये गए साक्षात्कार की प्रश्नावली । (कारीगर मंत्रालय)

Ancient Skills Knowledge प्राचीन कौशल ज्ञान 1. आप कारीगरी के क्षेत्र में कितने वर्षों से कार्यरत हैं, और आप कारीगर परिवारों के लिए क्या करना चाहते हैं ? 2. कारीगर विश्वविद्यालय की संकल्पना आपके मन मे कब और क्यों आई, इसके लिए अभी आप क्या-क्या कर रहे हैं ? 3. भारत सरकार से आप कारीगरों के उत्थान के लिए किस प्रकार का सहयोग प्राप्त करना चाहते हैं ? 4. कारीगरों के लिए कार्य करने से आपको क्या मिलता है , इसके पीछे आपका क्या मकसद है ? 5. कारीगर ज्ञानपीठ में किन-किन प्रकार की कला कौशल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ? 6. कारीगर विश्वविद्यालय और कारीगर ज्ञानपीठ में क्या अंतर व समानता है , इन दोनों को शुरू करने में आपकी क्या भूमिका है ? 7. देशभर में कारीगरी की शिक्षा को बढ़ाने के पीछे आपका क्या उद्देश्य है , इससे आम लोगों को किस प्रकार लाभ मिलेगा ? 8. वर्तमान में चल रही शिक्षा नीति व शिक्षा प्रणाली में कारीगर कौशल कला विज्ञान के पाठ्यक्रम को किस प्रकार से संलग्न किया जा सकता है ? इसमें भारत सरकार की क्या भूमिका रहेगी ? 9. आगामी वर्षों में कारीगरी एवं कारीगरों के लिए विकास हेतु आपकी ओर से किस

Karigar Vishwavidyalaya

The first 'Karigar University' will open in Wardha Sevagram, Wardha The country's first 'Karigar University' scheme has been prepared, in which the education of Kumari, Carpentry and Luhari will be given. This university will be established at Mahatma Gandhi's Karmasthali soon after being established in Wardha of Maharashtra. The central government, led by the Maharashtra government and Narendra Modi, will take the initiative soon to form the university. This will promote the skill development mission of the Prime Minister. A senior Bharatiya Janata Party (BJP) leader (Basantji) said, "Though it will not be as skill development of modern education. This will enhance the skill of white pot jobs and a rural potter or neighborhood whistle separately from computers. Now it is time that such workers should be encouraged and respected. ' A delegation of BJP leaders and Rashtriya Swayamsevak Sangh had recently held a meeting in Mumbai with Maharashtra Chi

कारीगर विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र)

वर्धा में खुलेगा देश का पहला 'कारीगर विश्वविद्यालय' Sevagram, Wardha देश के पहले 'कारीगर विश्वविद्यालय' की योजना तैयार कर ली गई है, जिसमें कुम्हारी, बढ़ईगिरी और लुहारी की शिक्षा दी जाएगी. यह विश्वविद्यालय महात्मा गांधी की कर्मस्थली रह चके महाराष्ट्र के वर्धा में जल्द ही स्थापित किया जाएगा. महाराष्ट्र सरकार और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस विश्वविद्यालय के गठन के लिए जल्द ही कदम उठाएगी. इससे प्रधानमंत्री के कौशल विकास मिशन को बढ़ावा मिलेगा. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ( बसंत जी ) ने बताया, 'हालांकि यह आधुनिक शिक्षा के कौशल विकास की तरह नहीं होगा. यह सफेदपोश नौकरियों और कंप्यूटर से अलग एक ग्रामीण कुम्हार या पड़ोस के लुहार के कौशल को बढ़ानेवाला होगा. अब समय आ गया है कि इस तरह के काम करनेवालों को प्रोत्साहित किया जाए और उन्हें सम्मान दिया जाए.' भाजपा नेताओं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस संबध में हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ मुंबई में एक बैठक की थी. एक सूत्र ने बताया, 'वास

Sidhgiri Karigar Gyanpeeth , Kolhapur

सिद्धगिरी कारीगर ज्ञानपीठ , कोल्हापुर

Life by siddheshwar swami ji

Beginning of life in you after you started journey of unicell Flame of your life Spiritual life Physical life Kumar arvindo Enlighten Evolution of life Intatuctual mangal evolution If to get divine spirit your Mind is evolve Mind development Definition of mind Types of mind Intelligence

यायावर रहेंगे यादें - द लास्ट लव

मेरा नाम आनंद है ।

नियोजन का अर्थ

नियोजन का अर्थ संगठन व्यवसायिक हो या राजनैतिक, 6 धार्मिक या सामाजिक, सभी में नियोजन की आवश्यकता पड़ती है। कौन सा कार्य कब करना है, कार्य कहॉं पर करना है, कार्य को कैसे करना चाहिए, कार्य कितनी मात्रा में किया जाना चाहिए, कार्य किस समय प्रारम्भ करना चाहिए, कार्य कितने समय में पूरा होना चाहिए, कार्य करने में कितनी लागत आनी चाहिए, कार्य कराने के लिए सम्भावित स्त्रोत या व्यक्ति कौन कौन से हैं, कार्य करने में कौन कौन से संसाधनों का प्रयोग किया जाना चाहिए। कार्य में प्रयुक्त संसाधनों का कितनी मात्रा में मिश्रण किया जाना चाहिए आदि का निर्धारण करना ही नियोजन कहलाता है। अर्थात् कौन सा कार्य कब, कहॉं, कितनी मात्रा में, किन संसाधनों से, कितनी लागत पर, कितने समय में होना है आदि का निर्धारण नियोजन में ही होता है। इसीलिए नियोजन करना प्रत्येक संगठन के लिये अति आवश्यक है। संगठन अपने संसाध् ानों का सफल नियोजन करके ही सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इस इकार्इ में नियोजन के विभिन्न पहलुओं पर विचार किया गया है। इसके अध्ययन के पश्चात आप यह ज्ञात कर सकेंगे कि प्रगति के लिए नियोजन कितना आवश्यक है। नियोजन का अर