Anand sri krishnan आनंद श्री कृष्णन
आनंद श्री कृष्णन (जन्म 22/12/1992)
एक छात्र, शोधकर्ता,
उद्यमी, लेखक और किशोर विशेषज्ञ हैं ।
मोबाइल नंबर: 7631230061 ,
ईमेल : anandsrikrishnan212@gmail.com
इनका निवास स्थान भागलपुर 'बिहार' में हैं । इनके दादा जी पं.युगल किशोर सिंह संगीत के ज्ञाता थे । इनके पिता जी प्रख्यात गांधीवादी श्री बसंत जी हैं जिन्होंने पूरे देश में सामाजिक कार्य , कारीगर व कारीगरी के उत्थान एवं गाँधी विचार का प्रचार प्रसार करने में अपना सारा जीवन लगाया है । दादा और पिता से प्ररित होकर सामाजिक कार्यों के प्रति उनका रुझान रहा है ।
उनकी स्नातक तक कि पढ़ाई तिलकमांझी भागलपुर विश्वविद्यालय 'भागलपुर' से हुई है । उन्होंने अपनी स्नातकोत्तर की पढ़ाई समाज कार्य विषय में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय 'वर्धा' से किया है ।
सामाजिक कार्य और कारीगरी में शुरू से दिलचस्पी होने के कारण वो बचपन से ही सामाजिक कार्य और कारीगरों के उत्थान के कार्य करते आए हैं । पहली बार महज 7 साल की उम्र में उन्होंने गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति 'दिल्ली' में आयोजित मंथन कार्यक्रम में भाग लिया था । 15 साल की उम्र में उन्होंने कोसी बांध टूट जाने पर आई बाढ़ से पीड़ित लोगों को अगरबत्तियां बनाना सीखाने का कार्य सखिरी महिला विकास संस्थान 'बसंतपुर' के माध्यम से अररिया में किया था । 16 साल की उम्र में उन्होंने मुक्ति निकेतन 'कटोरिया' में अध्ययन करने वाले आदिवासी बच्चों को अगरबत्ती बनाने का प्रशिक्षण दिया । 18 साल की उम्र में उन्होंने वर्धा के मगन संग्रालय में आयोजित वर्धा वर्धन में भागलपुर 'अंग प्रदेश' का प्रतिनिधित्व किया । 20 साल की उम्र में उन्होंने 'आस्क फाउंडेशन' नाम से स्वयंसेवक समूह बनाया जो अंगदान, रक्तदान, नशामुक्ति, ट्यूबरक्लोसिस, आत्महत्या निरोधी, कैंसर और एड्स आदि के विषय में जन जागरूकता का कार्य करता है । 21 की उन्होंने अपने शरीर का सारा अंग दान कर दिया था और लोगों को भी अपना अंगदान करने के लिए प्ररित करने का कार्य कर रहे हैं । 23 साल की उम्र में उन्होंने हुनर खोज अभियान की शुरुआत की जो देश मे अपने अपने क्षेत्रों में सामाजिक कार्य कर रहे लोगों को एक मंच प्रदान करता है ।
गांधी विचार से प्ररित होकर उन्होंने 24 की उम्र में पहली बार अपना लेख "अंतिम जन (राष्ट्रीय पत्रिका) में मोहन से महात्मा" नाम से अपना लेख प्रकाशित कराया और भी कई सारे लेख और किताबें विचाराधीन है जो उम्मीद है हमें आने वाले समय मे उपलब्ध होगी ।
व्यावसायिक सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में उन्होंने अपने सामाजिक कार्य को करने के लिए एक वेबसाइट बनाया हैं जिसका नाम है ग्लोबल सोशल ट्रेडर्स ( www.globalsocialtraders.com ) ये वेबसाइट सामाजिक क्षेत्रों में आ रहे परिवर्तन और सामाजिक संस्थाओं में तैयार किए जा रहे घरेलू उत्पाद को ऑनलाइन बाज़ार उपलब्ध कराता है । इसका व्यावसायिक ईमेल है gst@globalsocialtraders.com यह आज के दौर में सामाजिक परिवर्तन का माध्यम बन कर सामने आएगी । इससे छोटे स्वयंसेवी समूहों को अपने सामाजिक कार्य के लिए धन एकत्र करना आसान होगा ।
अपने सामाजिक कार्य को आगे बढ़ाने के लिए जल्द ही उन्होंने एक न्यास की स्थापना करने का सोचा है जो कौशल विकास के माध्यम से समाज मे परिवर्तन लाएगा । इसके लिए विगत वर्ष दिल्ली में एक बैठक रखी गई जिसमें न्यास का नाम हुनर भारती प्रस्तावित किया गया जो अभी विचाराधीन है।
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